
मेरा बच्चा दो साल का है। वह हर समय बिस्किट-दूध मांगता है। उसे कितनी मात्रा तक बिस्किट दिया जा सकता है।, अंजना शर्मा, जोधपुर
बिस्किट मैदा, ट्रांसफैट और चीनी सेे बनता है। मैदा से बनने के कारण में इसमें फाइबर की मात्रा नहीं होती है। इससे छोटे बच्चों में कब्ज की दिक्कत होती है। वहीं ट्रांस फैट्स से आंखों व तंत्रिका संबंधी विकार, एलर्जी, अतिसंवेदनशीलता की स्थिति, मधुमेह और मोटापे की समस्याएं हो सकती हैं।
पोषण बिल्कुल नहीं
इसमें सोडियम, पोटैशियम आदि के साथ कई हानिकारक सिंथेटिक पदार्थ होते हैं। इससे बच्चे की भूख कम होने लगती है। इसी तरह टॉफी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, केक भी सेहतमंद नहीं हैं। इन उत्पादों को एम्प्टी कैलोरी फूड कहा जाता है, इनमें हानिकारक फैट होता है। इसलिए इन्हें देने से बचें।
आंतों पर भी असर
बिस्किट को बनाने के लिए बेकिंग सोडा मिलाते हैं। यह एसिड रेफ्लक्स जैसी समस्या करता है। इसमें ग्लिसरॉल मोनोस्टीरेट भी मिलाते हैं। यह आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को भी मार कर नुकसान पहुंचाता है।
Source बिस्किट में फाइबर और पोषक तत्त्व नहीं होते, ज्यादा खाने से धीरे-धीरे भूख कम होने लगती
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